Thought of the day

Ek Kavita, Ek khayal dekhiye….

लफ़्ज़ों में क्या तारीफ़ करूँ आपकी,
आप लफ़्ज़ों में कैसे समा पाओगे,
जैसे चाँदनी में छुपा हो नूर,
वैसे ही आप मेरे दिल में छुपे रह जाओगे।

जब लोग हमारे बारे में पूछेंगे,
मेरी आँखों में जान-ए-मन सिर्फ़ तुम नज़र आओगे,
जैसे गुलाब की खुशबू हवा में घुलती है,
वैसे ही तुम मेरे साँसों में बस जाओगे।

हर एक शब्द में बसते हो तुम,
हर एक ख्याल में छुपते हो तुम,
जब भी कोई देखेगा मेरी तरफ़,
मेरी आँखों में सिर्फ़ तुम ही दिखोगे तुम।

Bohot shukriya!!